शायद अभी
मुझे जरुरत है तेरी, शायद अभी
आँखे नम है मेरी, शायद अभी
तेरे आने की आहट हुई, शायद अभी
तेरी हँसी की गूँज हुई, शायद अभी
हवा ने इक पैगाम दिया, शायद अभी
तुमने मुझे याद किया, शायद अभी
साँसे इकरार कर रही, शायद अभी
आरजू शोर कर रही, शायद अभी
Source - designurge |
एक कली खिल उठी, शायद अभी
तु नजदीक आ गयी, शायद अभी
तुम्हारी झलक है देखी, शायद अभी
महक गई है रुह, शायद अभी
कायनात से वादा किया, शायद अभी
बन कर रहूँगा तेरा, शायद अभी
होंठो पर हँसी है आई, शायद अभी
जैसे बजी हो शहनाई, शायद अभी
छोटा सा ख्वाब है देखा, शायद अभी
तु समा गया है मुझमें, शायद अभी ।
.....कमलेश.....
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