दर्द

हे तो यूँ चार अक्षरी शब्द दर्द
पर समुन्दर से हे गहरा 
ढूंढो तुम जितना न मिलेगा तुमको
शाखा हे कहाँ जड़ है कहाँ

निखारता हे इंसान को दर्द,
बिखेरता हे इंसान को दर्द।
धोके का अहसास इसमें,
चोटों का भी लकीरे इसमें
कामयाबी की भी हे राह दिखाता

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