कविता
मेरा दिल है अधूरा सा,
इसे तू पूरा अब कर दे।
घटायें सूख गई सारी,
तू आकर फिरसे रंग भर दे।।
जो तू थी साथ में मेरे,
बहारो की बहारे थी।
है सूना दिल मेरा तुम बिन,
तू आकर फिर से रंग भर दे।।
जो तेरी याद आती है,
मेरा दिल बैठ जाता है।
बिताया साथ में हर पल,
मुझे क्यूँ याद आता है।।
कसम वो साथ रहने की
कसम से याद है मुझको।
अकेला मर ही जाऊंगा,
मुकम्मल तू ज़हर करदे ।।
•नितिन पाराशर
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