मेरे सपने !





आपने मुझे बड़ा किया,
अपने पैरो पर खड़ा किया,
मेरी हज़ारो गलतियों के बाद भी,
बस एक मुस्कान देकर,
अपने बड़कपन का परिचय दिया,
परवरिश ने आपकी मुझे सोने जितना खरा किया,
अब उसी परवरिश पर भरोसा रख,
मुझे मेरी उड़ान तो भरने दो,
मुझे मेरी मर्ज़ी का आसमान तो चुनने दो,
मुझे मेरे सपने तो बुनने दो |


हक़ अदा किया आपने मेरा साथ निभाने का,
और हर बार गिरने पर मुझे उठाने का,
हक़ अदा किया मुझे दुनियादारी सिखाने का,
हक़ अदा किया आपने मेरा नाम चुनकर,
अब मुझे हक़ अदा कर,
मेरा काम तो चुनने दो,
मुझे मेरी मर्ज़ी का संसार तो चुनने दो,
मुझे मेरे सपने तो बुनने दो |


माना कि आपके फैसलों की बदौलत,
मैं इतना कारगर बन पाया हूँ,
सोचा न था जितना,
उतना हासिल कर पाया हूँ,
सही गलत का भेद जानकार,
आज इतना काबिल बन पाया हूँ,
कि मुझे अब मेरा हमसफ़र तो चुनने दो,
मुझे मेरी मंज़िल तो चुनने दो,
मुझे मेरे सपने तो बुनने दो |

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